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Avnish Jain | Nov 30, 2023 | Travelling Destinations
डोमेस्टिक टयूरिस्ट को एट्रेक्ट करता है
नैनीताल
चारों तरफ से पहाड़ियों व जंगल से घिरे नैनीताल की नेचरल ब्यूटी बरबस ही टयूरिस्ट को अपनी और आकर्षित करती है। यहां पर छोटी-बड़ी इतनी झीलें हैं कि इसे ‘झीलों के शहर’ के नाम भी जाना जाता है। झीलों, ऊंची-ऊंची पहाड़ियों, जंगलों और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण नैनीताल हमेशा से पर्यटकों को आकर्षित करता रहा है।
पहले जहां लोग गर्मी से निजात पाने के लिए इस हिल स्टेशन में वैकेशंस बिताना पसंद करते थे, वहीं अब यह सालभर टयूरिस्ट के आकर्षक का केन्द्र बना रहता है। नैनीताल और उसके आसपास ऐसी बहुत सारी जगहें हैं, जो आपका मन मोह लेंगी। अपने टयूर के दौरान आप इन जगहों को देख सकते हैं।
स्नो व्यू
यह जगह शहर से 2.5 किलोमीटर की दूरी पर है। अगर आप वॉक करने के शौकिन हैं, तो पहाड़ी घने हरे-भरे जंगल से होते हुए 30 से 40 मिनट में यहां तक पहुंच जाते हैं। अगर आप वॉक नहीं करना चाहते, तो आप रोप वे से पांच से दस मिनट में यहां पहुंच जाएंगे। कुदरती सौंदर्य से सराबोर इस जगह से आप दूर-दूर तक की पहाड़ियों का मनमोहक द्रश्य दूरबीन से देख सकते हैं।
नैनी लेक
नैनीताल में एंट्री करते ही सबसे पहले आपको नैनी झील नजर आएगी। नैनीताल इसी झील के किनारे स्थित है। इस झील से दिखाई देते हरे घने जंगलों और ऊंची-ऊंची पहाड़ियों का नजारा मन को मोह लेने वाला है। इस झील से आप पूरे नैनीताल को एक नजर में देख सकते हैं।
इस झील के पानी में जब सुबह की सूरज की किरणें पड़ती हैं, तो पानी की लहरों में दिखाई पड़ती झिलमिलाहट मन को हर लेती है। यह चारों तरफ से सात पहाड़ियों से घिरा है। यहां पर लेक में बोटिंग भी एंजॉय की जा सकती है।
नैना पीक और चाइना पीक
नैना पीक 2611 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यह शहर की सबसे ऊंची पहाड़ी है। यहां से आप हिमालय का बेहद खूबसूरत नजारा देेख सकते हैं। इतना ही नहीं यहां से आप दूरबीन की मदद से नैनीताल के चारों ओर की खूबसूरत जगहों को भी निहार सकते हैं।
गर्नी हाउस
पहले यह जिम कॉर्बेट का घर था, जो आयरपत्ता पहाड़ी पर स्थित है। यहां अब एक म्यूजियम है, जिसमें जिम कॉर्बेट की तमाम चीजों को बहुत सहेजकर रखा गया है।
सेंट जॉन चर्च
इस चर्च की स्थापना 1844 में की गई थी और यह नैनीताल की उत्तरी दिशा में मल्लीताल में स्थित है। नैनी देवी मंदिर से यह चर्च लगभग आधा मील की दूरी पर है।
टिफिन टॉप और डोरती सीट
यह शहर के चार किलोमीटर की दूरी पर आयरपत्ता जिले में स्थित है। टिफिन टॉप से आप हिमालय का खूबसूरत व्यू देखने के साथ ही आस-पास की खूबसूरत जगहों को भी देख सकते हैं। इसे एक ब्रिटिश पेंटर महिला की याद में बनाया गया है। इसे उनके हसबेंड ने उनकी मौत के बाद उनकी याद में तैयार करवाया था।
किलबरी
यह जगह 2194 मीटर की ऊंचाई पर स्थित और नैनीताल से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अगर आप शांति और नेचरल वातावरण में छुट्टी मानने के इच्छुक हैं, तो यह जगह आपके लिए बेस्ट रहेगी। अगर रुकने का मन कर जाए, तो यहां के फॉरेस्ट रेस्ट हाउस में इसकी भी व्यवस्था है।
रानीखेत
यह नैनीताल से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चीड़ के पेड़ोें से घिरा एक हिल स्टेशन है। कहा जाता है कि रानी पद्मिनी को यह जगह बेहद भा गई थी और तभी से इसे रानीखेत के नाम से जाना जाता है। इसका मतलब है क्वीन फील्ड। यह समुद्री तट से 1829 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और टयूरिस्टों के बीच बेहद पॉप्युलर है।
मुक्तेश्वर
फलों के बगीचों और घने जंगलों से घिरा मुक्तेश्वर अपने कुदरती सौंदर्य से भरपूर नजारों के लिए पॉपूलर है। 1893 में ब्रिटिशर्स ने यहां पर रिसर्च व एजुकेशन इंस्टीट्यूट की स्थापना की थी। यहीं पास में बना भगवान शिव का मंदिर भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। नैनीताल देश के प्रमुख नगरों से रेल व बस सेवा द्वारा जुड़ा है। यह दिल्ली से 310 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। काठगोदाम को द गेटवे ऑफकुमाऊं हिल्स के नाम से भी जाना जाता है। यह नैनीताल से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कई बड़े शहरों मसलन दिल्ली, देहरादून, लखनऊ आदि से यह ट्रेन मार्ग से जुड़ा है। यह नैनीताल से सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन है। ट्रेन से पहुंचने के बाद उससे आगे का सफर टैक्सी या बस से तय किया जा सकता है। नैनीताल से तमाम बड़े शहरों के लिए सीधी बस सेवा है। प्राइवेट बसों के साथ-साथ यहां यूपी, हरियाणा और राजस्थान रोडवेज की भी अच्छी सर्विस है। वैसे टयूर ऑपरेटर के जरिए कोच बस सेवा की सुविधा का लाभ भी उठा सकते हैं।